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विधानसभा में उठा सरस्वती नदी पर बने अवैध पुलों का मुद्दा

चंडीगढ़ । कुरुक्षेत्र में जीटी रोड से झांसा गांव तक सरस्वती नदी पर अवैध पुलों के निर्माण से साथ लगते गांवों में बाढ़ का खतरा बन गया है। नदी पर पंद्रह पुल बने हुए हैं और इनमें से नौ अवैध हैं। लाडवा से कांग्रेस विधायक मेवा सिंह ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया। गुहला से जजपा विधायक ईश्वर सिंह का समर्थन भी उन्हें मिला। कृषि मंत्री जेपी दलाल ने जब अवैध पुलों को भी नियमित करने का ऐलान कर दिया तो कांग्रेस ने इसका यह कहते हुए विरोध किया कि पहले पानी का बहाव सुचारू करना चाहिए।

मेवा सिंह ने आरोप लगाया कि लोगों ने अवैध कालोनियां काटी हुई हैं। इन कालोनियों को रास्ते देने के लिए सरस्वती नदी पर अवैध पुल बनाए गए हैं। इन पुलों के निर्माण की वजह से लोगों के घरों में पानी घुसने लगा है। हजाराें एकड़ कृषि भूमि में पानी भरा होने की वजह से खेती नहीं हो पाती। दलाल ने कहा कि एक को छोड़कर अधिकांश पुलों का निर्माण कांग्रेस कार्यकाल में हुआ। इस पर ईश्वर सिंह ने कहा, उस समय जलभराव की समस्या नहीं थी, लेकिन अब बढ़ गई है।

मेवा सिंह ने कहा कि सरकार को चाहिए कि पुलों को हटाए। साथ ही, उन्होंने सरस्वती नदी की खुदाई करवाने की मांग की ताकि जलभराव की समस्या से छुटकारा मिल सके। मामला बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्घ्टर ने कहा कि सरस्वती नदी के किनारों को ऊंचा उठाने और आस-पास के रिहायशी इलाकों में बाढ़ के पानी को रोकने के लिए सरकार कदम उठा रही है। पानी का सुचारू प्रवाह सरकार की प्राथमिकता है।

उन्होंने कहा, यदि कहीं पानी के प्रवाह में बाधा आ रही है तो उसकी जांच करवा कर उसे ठीक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरस्वती नदी पर कुरुक्षेत्र जीटी रोड से झांसा रोड तक बने पुलों में से अधिकतर पुल अवैध हैं। 8 पुल तो वर्ष 2010 से पहले के बने हुए हैं। एक पुल तो वर्ष 2014-15 में बना।

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