उत्तराखंड

जल जीवन मिशन के द्वितीय चरण का कार्य शीघ्र पूरा किया जाए : सीडीओ

गोपेश्वर । मुख्य विकास अधिकारी चमोली ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जल जीवन मिशन के तहत संचालित कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने जल जीवन मिशन के अन्तर्गत द्वितीय चरण में संचालित योजनाओं का कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।

मुख्य विकास अधिकारी डा.ललित नारायण मिश्र ने निर्देशित किया कि प्रथम चरण के जो कार्य पूर्ण हो चुके है उनका तीसरी पार्टी से सत्यापन कराते हुए शीघ्र भुगतान किया जाए। वन क्षेत्रों में स्वीकृत पेयजल योजनाओं के लिए वन विभाग से समन्वय करते तत्काल कार्य प्रारंभ करें। जल जीवन मिशन कार्यों की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखते हुए अगली समीक्षा से पूर्व प्रत्येक ब्लाक में कम से कम 95 प्रतिशत एफएचटीसी का कार्य पूर्ण करना सुनिश्चित करें। इस दौरान सभी डिविजनों के अन्तर्गत संचालित कार्यों की गहनता से समीक्षा की गई।

जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता सुशील कुमार सैनी ने अवगत कराया कि जल जीवन मिशन के अन्तर्गत में 77650 घरेलू जल संयोजन के सापेक्ष अभी तक 72860 घरेलू जल संयोजन किए जा चुके है और 93.83 प्रतिशत एफएचटीसी का कार्य पूरा कर लिया गया है। अवशेष 4790 घरेलू संयोजन का कार्य प्रगति पर है। पेयजल योजनाओं के पुनर्गठन और जल स्रोतों के सुधारीकरण योजनाओं के लिए दो करोड़ से कम लागत की 482 स्वीकृत आंगणन में से 478 के टेंडर हो चुके हैं, जिसमें से 404 कार्य प्रगति पर तथा 74 कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं।

दो से पांच करोड़ तक की योजनाओं में स्वीकृत 10 योजनाओं में से नौ योजनाओं के टेंडर करने के बाद कार्य प्रगति पर है तथा पांच करोड़ से अधिक की एक योजना में भी कार्य प्रगति पर चल रहा है। जेजेएम के अन्तर्गत आवंटित कुल 1003.48 लाख में से 500 लाख व्यय हो चुका है। विद्यालयों, ग्राम पंचायत भवन एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में जल संयोजन कार्य पूर्ण हो चुका है।

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