उत्तराखंडटिहरी

नरेंद्र नगर बायपास रोड निर्माण में अनियमितताओं की भरमार, विभागीय लापरवाही पर उठे सवाल

जन एक्सप्रेस टिहरी गढ़वाल (नरेंद्र नगर)। नरेंद्र नगर के अंतर्गत बायपास रोड डागर के समीप लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा किए जा रहे सड़क निर्माण कार्य में गंभीर अनियमितताएं सामने आ रही हैं। क्षेत्रवासियों के अनुसार जिस गुणवत्ता मानक के अनुसार पुस्तौ व पल्म का निर्माण कार्य होना चाहिए, उस दिशा में ठेकेदार की ओर से स्पष्ट लापरवाही बरती जा रही है। इससे न केवल निर्माण की मजबूती प्रभावित होने का खतरा है, बल्कि भविष्य में सड़क के क्षतिग्रस्त होने की आशंका भी बढ़ गई है।जानकारी के अनुसार पल्म निर्माण में 40:60 के अनुपात में पत्थरों को व्यवस्थित तरीके से बिछाया जाना चाहिए, जिससे सड़क की नींव मजबूत बनी रहे। यह मानक PWD द्वारा सभी निर्माण कार्यों में अनिवार्य किया गया है। इसके बावजूद ठेकेदार द्वारा इस प्रक्रिया की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। मौके पर देखा गया कि पल्म के लिए उचित अनुपात में पत्थर बिछाने की बजाय बड़े-बड़े पत्थरों को एकसाथ भर दिया जा रहा है और ऊपर से मात्र हल्का मसाला डाल दिया जा रहा है, ताकि देखने में वह पल्म जैसा दिखाई दे। यह तरीका न केवल तकनीकी रूप से गलत है, बल्कि सरकारी निर्माण मानकों का भी खुला उल्लंघन है।स्थानीय लोगों का कहना है कि विभागीय अधिकारियों की अनुपस्थिति ठेकेदार को मनमानी का खुला अवसर दे रही है। निर्माण स्थल पर कोई भी जिम्मेदार इंजीनियर या सुपरवाइज़र मौजूद नहीं रहता, जिसके चलते कार्य बिना निगरानी के चल रहा है। ग्रामीणों ने आशंका जताई कि यदि निर्माण इसी तरह जारी रहा तो आने वाले समय में सड़क कुछ ही महीनों में टूट-फूट की शिकार हो सकती है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ जाएगी।लोगों ने विभाग से मांग की है कि निर्माण स्थल पर नियमित निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए, और गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर संबंधित ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि सरकार करोड़ों रुपये सड़क निर्माण पर खर्च करती है, लेकिन निगरानी की कमी से धन का दुरुपयोग होता है और जनता को घटिया निर्माण की सजा भुगतनी पड़ती है।फिलहाल क्षेत्रवासियों में इस अनियमित निर्माण कार्य को लेकर बेहद नाराजगी है। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वे इस मुद्दे को उच्च अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों तक उठाने के लिए बाध्य होंगे। अधिशासी अभियंता द्वारा बताया गया कि 70-30% अनुपात में पल्म का कार्य किया जा रहा है, जिसमें 70% पत्थर होता है जो की संतोषजनक है यदि ठेकेदार के लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी!

 

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