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चित्रकूट पुलिस ने लूट की झूठी कहानी का किया पर्दाफाश, 6 गिरफ्तार

मानिकपुर क्षेत्र में लूट के प्रयास की सूचना निकली फर्जी, आरोपियों सहित वादी और चालक पर भी दर्ज हुई कार्रवाई

जन एक्सप्रेस/चित्रकूट : थाना मानिकपुर क्षेत्र स्थित झरी रेलवे फाटक के पास लूट के प्रयास की सूचना पर पुलिस ने तत्परता से जांच कर 6 आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए मामले का सफल खुलासा कर दिया है। प्रारंभिक जांच में यह मामला लूट का नहीं, बल्कि वाहन की आपसी भिड़ंत और उसके बाद की आपसी रंजिश का निकला, जिसे झूठे मुकदमे के ज़रिए अपराध का रूप देने की कोशिश की गई। दिनांक 28/29 जून 2025 की रात को पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ अज्ञात व्यक्ति एक पिकअप लोडर (UP 70 MT 3248) को पत्थर मारकर लूटने का प्रयास कर रहे हैं। सूचना मिलने पर वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया और थाना मानिकपुर में मुकदमा संख्या 114/2025 धारा 309(5), 324(4) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया।

वादी मनीष पासी, निवासी प्रयागराज ने तहरीर दी थी कि उनके पिकअप वाहन को मानिकपुर से सतना जाते समय कुछ अज्ञात लोगों ने झरी रेलवे फाटक के पास रोककर लूट का प्रयास किया, जिससे चालक व खलासी डरकर भाग गए।

जांच में क्या सामने आया:
जांच के दौरान जब पुलिस ने चालक, खलासी, वादी और आसपास के CCTV फुटेज खंगाले, तो पूरा घटनाक्रम संदिग्ध प्रतीत हुआ। गहन पूछताछ, इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और स्थानीय मुखबिरों की मदद से सच सामने आया कि यह कोई लूट नहीं, बल्कि पिकअप वाहन की एक बाइक से मामूली टक्कर और उसके बाद विवाद था।

गिरफ्तार किए गए आरोपी:

  1. आशीष द्विवेदी निवासी गोविन्द नगर, मानिकपुर
  2. नागेन्द्र पाल निवासी पटेल नगर
  3. विद्यासागर उर्फ मुक्कू निवासी गांधीनगर
  4. सत्येन्द्र पाल निवासी पटेल नगर
  5. अमित कुमार निवासी सोनपुर, बिहार (वर्तमान में मानिकपुर)
  6. हिमांशू मिश्रा निवासी जवाहर नगर

पूछताछ में क्या बताया आरोपियों ने?
मुख्य अभियुक्त आशीष द्विवेदी ने बताया कि वह बाइक से पेट्रोल भराने जा रहा था, इसी दौरान एक पिकअप से हल्की टक्कर हुई। आक्रोशवश उसने अपने दोस्तों को बुलाकर पिकअप का पीछा किया। कुछ देर तक पीछा करने के बाद चालक पिकअप को जंगल की ओर मोड़कर भाग गया। आरोपियों का इरादा लूट का नहीं था, बल्कि टक्कर के कारण गुस्से में पीछा किया गया।

कानूनी कार्रवाई और मुकदमे में संशोधन:
जांच में स्पष्ट होने के बाद केस की धाराएं संशोधित कर दी गईं। अब मुकदमा 114/25 में धारा 352/324(4) बीएनएस के तहत दर्ज किया गया है। साथ ही, झूठी जानकारी देने और झूठे केस में फंसाने की कोशिश के लिए वादी, चालक और खलासी पर भी बीएनएस की धाराएं 170, 135, और 126 के तहत कार्रवाई की गई है।

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