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भारत के अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में मंडी टैक्स अधिक, उद्योगपतियों ने रखा मुख्यमंत्री के समक्ष घटाने का प्रस्ताव

बीकानेर । उद्योगपतियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुख्यमंत्री निवास पर मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल में जयपुर से संजय केसवानी (किशोर इंडस्ट्री), बीकानेर से जय किशन अग्रवाल, जयपुर से पवन (पवन इंडस्ट्रीज), बीकानेर से अशोक वासवानी (मोहन उद्योग), और जयपुर से मधुसूदन (विक्रम एग्रो इंडस्ट्रीज) मौजूद थे।

प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्ताव रखा कि राजस्थान के बाहर से आने वाले समस्त प्रकार के दलहन, तिलहन, और मोटे अनाज, जिन्हें उद्योगों में उपयोग किया जाता है, पर लगने वाले टैक्स को समाप्त किया जाए। साथ ही, वर्तमान में लागू मंडी टैक्स को कम करने की भी मांग की गई। मंडी समिति क्षेत्र के बाहर आने वाली एग्रीकल्चर उपज पर भी मंडी टैक्स और किसान कल्याण सेस को कम करने का अनुरोध किया गया। प्रस्ताव में बताया गया कि भारत के अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में मंडी टैक्स अधिक है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में यह 0%, महाराष्ट्र में 80 पैसे, गुजरात और मध्य प्रदेश में क्रमशः 1.20 रुपये और कम है।

बीकानेर दाल मंडी और अनाज मंडी के अध्यक्ष जय किशन अग्रवाल ने मोटे अनाज पर 50 पैसे, दूसरी वस्तुओं पर 1 रुपये, और दलहन समेत अन्य वस्तुओं पर 1.60 रुपये तक की अलग-अलग टैक्स दरों को कम करने का अनुरोध मुख्यमंत्री के समक्ष रखा।

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