बिहार

सीबीआई को दी गयी सहमति वापस लेने की मांग की जा रही:भाजपा

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पटना । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को आरोप लगाया कि ‘भ्रष्ट’ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को बिहार में नीतीश कुमार सरकार से बचाने के लिए कहा जा रहा है और इसलिए महागठबंधन के नेता राज्य में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को दी गई सामान्य सहमति वापस लेने की मांग कर रहे हैं। भाजपा ने कहा कि इस तरह की मांग करना संघीय ढांचे के खिलाफ होगा। पार्टी की बिहार इकाई के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि सीबीआई को दी गयी सामान्य सहमति वापस लेने की सत्तारूढ़ महागठबंधन में मांग उठना इसके नेताओं में पैदा हुई असुरक्षा की भावना को दर्शाता है।

उन्होंने पीटीआई-से कहा, महागठबंधन आंतरिक राजनीतिक अंतर्विरोधों के अलावा राजद की संलिप्तता वाले भ्रष्टाचार के मामलों के कारण असुरक्षित महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा, सत्तारूढ़ महागठबंधन अपने सामने आ रहे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए केंद्र की स्वायत्त एजेंसियों को लेकर शोर-शराबा कर रहा है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि अपने भ्रष्ट घटक दलों को बचाने के लिए महागठबंधन भारत के संघीय ढांचे और लोकतांत्रिक ताने-बाने को चुनौती देना चाहता है। आनंद ने दावा किया, अपराध और भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने का नीतीश कुमार का ऐलान एक मजाक बन गया है।

भाजपा नेता ने यह भी दावा किया कि ऐसा लगता है कि सीबीआई को कुछ सबूत मिले हैं जिससे राजद डर गया है, और वह नीतीश कुमार और अन्य सहयोगियों पर संघीय परंपरा के खिलाफ कदम उठाने के लिए दबाव डाल रहा है। उल्लेखनीय है कि बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के नेताओं ने राज्य में सीबीआई को प्रदान की गयी सामान्य सहमति वापस लेने का आह्वान किया है।

इन नेताओं का आरोप है कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार राजनीतिक लाभ के लिए जांच एजेंसी का दुरुपयोग कर सकती है। दरअसल, दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (डीएसपीई) अधिनियम, 1946 की धारा छह के अनुसार, सीबीआई को किसी राज्य में जांच करने के लिए वहां की सरकार से सहमति लेने की आवश्यकता होती है।

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