
जन एक्सप्रेस /मानसी निर्मल /लखनऊ : महाकुम्भ नाम सुनते ही लोगों के चेहरों पर एक अलग ही ख़ुशी देखने को मिलती है। आज भारत में हर कोई कुम्भ में स्नान करना चाहता है और लोग स्नान करने जा भी रहें हैं एक नहीं दो नहीं बल्कि अभी तक 10 करोड़ से भी ज्यादा महाकुम्भ में स्नान कर चुकें हैं। ऐसे में बात करें हेल्थ सिक्योरिटी की तो एक बात दिमाग में ज़रूर आती है की क्या महाकुम्भ की नदियों का पानी इतना साफ़ है की लोग उसमे स्नान कर सकें? यह सवाल इसलिए भी जरुरी है क्यूंकि सैकड़ों की तादात में लोग महाकुम्भ में स्नान करने जा रहे हैं ऐसे में साफ़ सफाई का ध्यान रखने की अधिक आवश्यकता होती है।
कैसे होती है महाकुम्भ की नदियों की सफाई ?
प्रतिदिन करोड़ों की संख्या में लोग महाकुम्भ स्नान करने आते हैं ऐसे में नदियों की साफ़ सफाई का ध्यान रखना थोड़ा मुश्किल है लेकिन सरकार ने इसका भी पूरा इंतज़ाम कर रखा है की नदियों का पानी स्नान योग्य होना चाहिए। इस बात को ध्यान में रखते हुए डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने कहा कि गंगा का पानी स्नान के लिए पूरी तरह सुरक्षित है। गंगा में प्रदूषण कण्ट्रोल में रखने के लिए एक पूरी टीम बनाई गयी है जो हर रोज़ अलग-अलग घाटों से पानी के सैंपल की जांच करती है,दूसरी तरफ अगर देखा जाये तो पूजा की सामग्रियां जैसे फूल ,नारियल ,फल आदि जो नदियों में चढ़ाई जाती हैं इन्हे भी नदियों से निकलने के लिए अलग अलग घाटों पर मशीनें लगायी गयी हैं। नदियों को सुद्ध रखने और उनमे से सामग्रियों को बहार निकलने के लिए अलग अलग टीम बनायीं गयीं है जो पूजा सामग्रियों को नदियों से तुरंत निकलने के लिए तैनात हैं। यूपी सरकार के अधिकारीयों के अनुसार ,इस वर्ष कुम्भ मेले पर राज्य सरकार द्वारा कुम्भ मेले पर खर्च किये जा रहे 7,000 करोड़ रूपए में से 1,600 करोड़ रूपए केवल जल और अपशिष्ट प्रबंधन के लिए किए गए हैं।
महाकुम्भ में खुद भी रखें नदियों को साफ़ रखने का ध्यान
महाकुम्भ की नदियों को साफ़ रखने की जिम्मेदारी केवल सरकार की ही नहीं हमारी भी है,लोग बड़ी ही श्रद्धा भावना से महाकुम्भ में स्नान करने आते है ऐसे में न केवल सरकार को बल्कि हमें भी ध्यान देना चाहिए,जैसे अनावश्यक चीज़ों को नदी में न बहाये,स्नान करते समय अपने कपड़ों में नदी में धोये ऐसी ही छोटी छोटी चीज़ों का ध्यान रख के हम नदियों को साफ़ रकने में अपना योगदान दे सकते हैं।