चित्रकूट

भीषण गर्मी पर भारी पड़ी आस्था, लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई भगवान कामतानाथ की परिक्रमा

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– पति के दीर्घायु की कामना को लेकर महिलाओं ने किया बरगद का पूजन

चित्रकूट। ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर भीषण गर्मी के बाद भी पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मन्दाकिनी नदी में आस्था की डुबकी लगाकर मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान कामतानाथ के दर्शन कर पंचकोसीय परिक्रमा लगाई। मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ते देख चित्रकूट और सतना जिला प्रशासन मेला परिक्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने में जुटे रहे।

विश्व प्रसिद्ध पौराणिक तीर्थ के रूप में विख्यात भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में शुक्रवार को ज्येष्ठ माह की अमावस्या पर देश भर से लाखों श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहा। सुबह तड़के से ही मंदाकिनी के रामघाट में आस्था की डुबकी लगाने को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी रही। लाखों श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी में डुबकी लगाने के बाद भगवान ब्रह्मा द्वारा स्थापित स्वामी मत गजेंद्र नाथ का जलाभिषेक करने के बाद मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान श्री कामतानाथ के दर्शन कर पंचकोसी परिक्रमा लगाई।

इसके बाद धर्मनगरी चित्रकूट के अन्य प्रसिद्ध पौराणिक तीर्थ स्थल जानकीकुंड, अनुसुइया आश्रम, हनुमान धारा, भरतकूप आदि के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किये। जिलाधिकारी अभिषेक आनंद एवं पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला के निर्देशन में अपर जिलाधिकारी कुंवर बहादुर सिंह एवं अपर पुलिस अधीक्षक चक्रपाणि त्रिपाठी आदि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मेला परिक्षेत्र का भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे। खास तौर पर किसी भी स्थान पर पेयजल की कमी न होने के निर्देश दिये।

कामतानाथ प्राचीन मुख़ार बिन्द के प्रधान पुजारी भरत शरण दास महाराज ने ज्येष्ठ मास की अमावस्या का महत्त्व बताते हुए कहा कि चित्रकूट का सबसे पावन धाम है। प्रभु श्रीराम ने स्वयं अपनी लीला के लिए चित्रकूट को चुना था। भगवान श्रीराम के आशीर्वाद से ही चित्रकूट गिरि को मनोकामनाओं के पूरक होने का वरदान मिला था। मन्दाकिनी में स्नान और कामदगिरि की परिक्रमा करने पर व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। वहीं ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर महिलाओं द्वारा पूरे विधि-विधान के साथ बरगद की परिक्रमा लगाकर पति व पुत्र की दीर्घायु को कामना की गई। चित्रकूट की प्रमुख समाजसेवी एवं भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष दिव्या त्रिपाठी ने पूजा का महत्व बताते हुए कहा कि अमावस्या पर बरगद का पूजन और 108 परिक्रमा लगाने से पुत्र और पति दीर्घायु होते है।

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