बेटी से बातचीत के कारण पड़ोसी युवक की हत्या, मां-बेटे को आजीवन कारावास
जन एक्सप्रेस, चित्रकूट: चित्रकूट जिले में करीब 18 महीने पहले बेटी से बातचीत करने पर हुए विवाद में पड़ोसी युवक की हत्या के मामले में सत्र न्यायालय ने मां-बेटे को दोषी ठहराया है। सत्र न्यायाधीश विकास कुमार प्रथम ने आरोपी ऊषा देवी और उनके बेटे शिव औतार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोनों पर 10,000-10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
रंजिश के चलते मां-बेटे ने हत्या की
यह घटना 2 जून 2023 की है, जब बियावल गांव के काशी नाथ का पुरवा निवासी 19 वर्षीय ननकू को उसकी पड़ोस में रहने वाली ऊषा देवी और उनके बेटे शिव औतार ने कुल्हाड़ी और लाठी से हमला कर मौत के घाट उतार दिया। मृतक के पिता चंद्रभान ने मऊ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि शाम करीब 7:30 बजे उनके बेटे पर हमला किया गया। चंद्रभान के अनुसार, उनका बेटा ऊषा की बेटी से बातचीत करता था, जो ऊषा और शिव औतार को बुरा लगता था। इसी रंजिश के चलते मां-बेटे ने हत्या की योजना बनाकर इस वारदात को अंजाम दिया।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया
हत्या की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया और मामले की गंभीरता को देखते हुए ऊषा देवी और शिव औतार के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया। जांच पूरी करने के बाद पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत पेश किए, जिनमें हत्या में इस्तेमाल की गई कुल्हाड़ी और गवाहों के बयान शामिल थे। बचाव पक्ष ने अपने बचाव में दलीलें दीं, लेकिन वे अदालत को संतुष्ट नहीं कर सके।
दोनों पर 10,000-10,000 रुपये का जुर्माना
शुक्रवार को सत्र न्यायालय ने अपने फैसले में मां-बेटे को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही दोनों पर 10,000-10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। जुर्माना अदा न करने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि यह हत्या न केवल जघन्य है, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि किसी को कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।
इस फैसले से मृतक ननकू के परिवार को राहत मिली है। पीड़ित परिवार का कहना है कि न्यायालय के इस निर्णय से उन्हें न्याय मिला है और समाज को यह संदेश भी गया है कि कानून के प्रति विश्वास बनाए रखना जरूरी है।