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हिमाचल में अब हर ‘टॉयलेट सीट’ पर लगेगा टैक्स?

हिमाचल प्रदेश में लोगों से अब उनके घरों में शौचालय की सीटों की संख्या के आधार पर कर वसूलने की खबरों पर हंगामे के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज कहा कि राज्य में ऐसा कोई शौचालय कर नहीं है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि हिमाचल सरकार शहरी इलाकों के निवासियों पर प्रति टॉयलेट सीट 25 रुपये टैक्स लगाएगी। इसके बाद इसपर बवाल मच गया। हाालंकि, सुक्खू द्वारा रिपोर्ट को आधारहीन करार दिया गया, जिसमें कहा गया कि 100 रुपये के जल शुल्क में से ‘शौचालय कर’ प्रति निवास 25 प्रतिशत होगा।

सुक्खू ने कहा कि बीजेपी ने सक्षम लोगों को मुफ्त मिठाइयां बांटीं, जबकि आज हिमाचल में हर जरूरतमंद को सुविधाएं दी जा रही हैं। शौचालय टैक्स जैसे आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। उन्हें इस मुद्दे पर गंभीरता से अध्ययन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों से पहले, भाजपा ने हिमाचल प्रदेश में एक रैली की, जहां उन्होंने मुफ्त पानी के मीटर देने का वादा किया, और कहा कि पानी की खपत के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। हमने पानी के लिए प्रति परिवार ₹100 की सब्सिडी का प्रस्ताव रखा, जिसमें पांच सितारा होटल भी शामिल हैं। केवल वे लोग ही भुगतान कर रहे हैं जो इसे वहन कर सकते हैं। शौचालय कर जैसी कोई चीज नहीं है।

यह विवाद उन रिपोर्टों के बाद पैदा हुआ, जिनमें कहा गया था कि हिमाचल सरकार शहरी घरों में शौचालयों पर 25 रुपये का कर लगाने की योजना बना रही है। इस प्रस्ताव पर भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया हुई है, केंद्रीय मंत्रियों ने बुनियादी सुविधाओं पर कर लगाने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की आलोचना की है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोशल मीडिया पर अपना अविश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि अविश्वसनीय, अगर सच है! जहां पीएम मोदी स्वच्छता को एक जन आंदोलन बनाते हैं, वहीं कांग्रेस शौचालयों के लिए लोगों पर टैक्स लगा रही है! शर्म की बात है कि उन्होंने अपने समय में अच्छी स्वच्छता उपलब्ध नहीं कराई, लेकिन यह कदम देश को शर्मसार करेगा।

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