शिवकुमार तिवारी उर्फ पप्पू तिवारी के गले की फांस बनी श्री ठाकुर जी महाराज की जमीन
तहसील के अधिकारियों से साठगांठ बनाने की फिराक में धर्मार्थ प्रयोग की भूमि का सौदागर!
जिला पंचायत की जमीन पर अवैध कब्जे के साथ श्री ठाकुर जी महाराज की जमीन का कर डाला सौदा
जन एक्सप्रेस/विश्वामित्र पांडेय
लखनऊ। जहां एक तरफ पूरा देश सनातन धर्म के महापर्व यानि महाकुंभ में शामिल हो गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन संगम में आस्था की डुबकी लगाकर अपने पापों से मुक्त होने की कामना कर रहा है, वहीं कुछ विधर्मी धर्म के नाम पर मंदिर और शिवालयों का विकास करने के नाम पर भगवान के नाम आरक्षित भूमि का सौदा करने का कुचक्र रचते नजर आ रहे हैं।
ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सरोजिनी नगर तहसील अंतर्गत स्थित ग्राम अंबरपुर मजरा बंथरा सिकंदरपुर में गाटा संख्या 616 का है। जहां श्री ठाकुर जी महाराज के नाम दर्ज भूमि को सोसाइटी का सहारा लेकर अपने बेटे व बहु को कौड़ियों के दाम बेचने वाला कथित भू माफिया शिवकुमार तिवारी उर्फ पप्पू तिवारी क्षेत्र में बेईमानों के हौसले बुलंद करता नजर आ रहा है। सत्ता पक्ष के कुछ नेताओं के नाम का सहारा लेकर अवैध रूप से कमाई बेनामी संपत्ति का मालिक बना कथित भू माफिया अब प्रशासन की व्यवस्था को चैलेंज करता नजर आने लगा है।
उप जिलाधिकारी व तहसीलदार से तालमेल बनाने की कवायद तेज!
विभागीय सूत्रों की मानें तो श्री ठाकुर जी महाराज की भूमि को फर्जी कागजात बनाकर बेचने वाला कथित भू माफिया शिवकुमार तिवारी उर्फ पप्पू तिवारी सरोजनीनगर तहसील के अधिकारियों के चक्कर लगाने लगा है। मामले की लीपापोती करने की कवायद भू माफिया द्वारा तेज कर दी गई है। चर्चाओं का बाजार इस बात से भी गर्म नजर आने लगा है, कि इसी कथित भू माफिया शिवकुमार तिवारी उर्फ पप्पू तिवारी व अन्य लोगों द्वारा जिला पंचायत की आयुर्वेदिक चिकित्सालय की भूमि पर भी कब्जा किया गया है, लेकिन लेनदेन के चक्कर में ही सरोजिनी नगर उप जिलाधिकारी डा सचिन कुमार वर्मा ने जिला पंचायत की भूमि के मामले में आदेश सुरक्षित रखने के बाद भी अबतक पीपी एक्ट का आदेश नहीं दिया।
तहसीलदार ने जांच कराने की बात कही, लेकिन नहीं दिए जांच के आदेश
सरोजिनी नगर तहसील के अधिकारियों में व्याप्त भ्रष्टाचार का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लगभग एक सप्ताह पूर्व तहसीलदार आकृति श्रीवास्तव को इसकी सूचना प्राप्त हुई लेकिन मामले की जांच कराने की बात तो कही लेकिन अभी तक संबंधित लेखपाल को इस प्रकरण की जांच के लिए किसी अधिकारी से कोई निर्देश नहीं मिले। जबकि मामले का अखबार में प्रकाशन होने के बात कथित भू माफिया बराबर उन अधिकारियों के संपर्क में बताए जा रहे जो मामले की जांच कर सकते हैं।
क्या सोसायटी रजिस्ट्रार कार्यालय से भी हो गई भू माफिया की साठगांठ?
जिस सोसायटी के सहारे श्री ठाकुर जी महाराज के नाम दर्ज गाटा संख्या 616 की भूमि का विक्रय किया गया है उसकी गहनता से जांच करने के बजाय सोसायटी पंजीकरण कार्यालय के कुछ कर्मचारियों द्वारा शिवकुमार तिवारी उर्फ पप्पू तिवारी का पक्ष रखना यह स्पष्ट करता है कि डाल में कुछ तो कला है।
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