कृषि मंत्री बनने के बाद से ही विवादों में रहे सुधाकर सिंह
पटना: गांधी जयंती के दिन नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा देकर राज्य की राजनीति में गर्माहट पैदा कर दिया है। नीतीश-तेजस्वी सरकार में शामिल होने के बाद से ही सुधाकर सिंह विवादों में घिरे रहे।
नीतीश कैबिनेट के विस्तार में सुधाकर सिंह को आरजेडी कोटे से मंत्री बनाया गया। उनके पिता जगदानंद सिंह बिहार राज्य के प्रदेश अध्यक्ष हैं सुधाकर सिंह को कृषि मंत्रालय का जिम्मा दिया गया। बीजेपी ने कृषि मंत्री पर पूर्व में दर्ज एक मुकदमे को मुद्दा बनाकर उनके इस्तीफे की मांग शुरू कर दी। बीजेपी के सभी बड़े नेताओं ने सुधाकर सिंह के बहाने महागठबंधन सरकार पर दागियों और भ्रष्टाचारियों को मंत्री बनाने का आरोप लगाया।
कृषि मंत्री सुधाकर सिंह पर वर्ष 2013 में करोड़ों के चावल का गबन करने का आरोप है। इस मामले में तत्कालीन नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने केस दर्ज कराया था। वह मामला अभी अदालत में चल रहा है। बक्सर की रामगढ़ सीट से विधायक सुधाकर सिंह चावल गबन के मामले में आरोपित हैं।
मंत्री सुधाकर के खिलाफ दर्ज केस के मुताबिक 2013 में उनकी राइस मिल और सरकार के बीच चावल प्रोसेसिंग का एग्रीमेंट हुआ था। किसानों से खरीदे गए धान मिल को दिए गए थे और बदले में उन्हें चावल देना था। मिल द्वारा चावल दिया जाना था उसमें करोड़ों रुपए के चावल का गबन हो गया। इस केस में 80 से ज्यादा एफ आई आर दर्ज हैं।
इस मुद्दे पर बीजेपी ने नीतीश सरकार की जमकर खिंचाई की और बार-बार कृषि मंत्री का इस्तीफा मांगा। लेकिन इस्तीफा देने से इनकार करते हुए कृषि मंत्री ने खुद को बेगुनाह बताया था। उन्होंने कहा था कि चावल ले जाना सरकार की ड्यूटी थी।