
जन एक्सप्रेस/ प्रदीप कुमार त्रिपाठी/ बांदा: जिले की केन नदी में बालू खदान संचालक की मनमानी से किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं। मंडल मुख्यालय से दो किलोमीटर दूर सोना मोरम खदान पर खनन पट्टा शिव कार्पोरेशन के नाम है, जिसके संचालक शिव सिंह ने पहले नदी की जलधारा को रोककर बांध बना दिया और फिर अचानक खोल दिया। इसके चलते नदी किनारे किसानों की सब्जियां जलमग्न हो गईं और लाखों का नुकसान हो गया।
प्रशासन ने नहीं लिया संज्ञान
इस मामले को लेकर जन एक्सप्रेस ने पहले भी खबर प्रकाशित की थी, जिसके बाद जलधारा खोल दी गई, लेकिन किसानों की फसलें डूबने के बावजूद जिला प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। वहीं, जिले की अन्य खदानों पर प्रशासन की सख्ती देखी जाती है, लेकिन सोना खदान पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, जिससे खदान संचालक बेखौफ होकर खनन कर रहा है।
पूर्व मंत्री ने की मुआवजे की मांग
शनिवार को किसानों ने सपा नेता, पूर्व मंत्री और सांसद विषम्भर निषाद से मिलकर इस मामले में हस्तक्षेप की गुहार लगाई। उन्होंने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर किसानों की डूबी फसल का मुआवजा दिलाने और दबंग खदान संचालक पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की।
बालू खदान पर कब होगी कार्रवाई?
सोना खदान का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी कार्रवाई से बच रहे हैं। सवाल यह उठता है कि आखिर खदान संचालक पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? क्या प्रशासन की कोई मजबूरी है या फिर बालू माफिया का डर? किसानों की बर्बादी का जिम्मेदार आखिर कौन?