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यशस्वी जायसवाल को मैच के दौरान स्लेजिंग करना पड़ा भारी

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कोयंबटूर। पश्चिम क्षेत्र के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने दक्षिण क्षेत्र के खिलाफ दलीप ट्रॉफी फाइनल के पांचवें और अंतिम दिन रविवार को यहां अनुशासनहीनता दिखाने वाले अपने साथी यशस्वी जायसवाल को मैदान छोड़ने का आदेश देकर नई मिसाल पेश की। जायसवाल ने पश्चिम क्षेत्र की दूसरी पारी में दोहरा शतक जड़कर टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन रविवार को जब दक्षिण क्षेत्र 529 रन के विशाल लक्ष्य के सामने अपनी पारी आगे बढ़ा रहा था तब वह विवादों में फंस गए। इस 20 वर्षीय खिलाड़ी ने दक्षिण क्षेत्र के बल्लेबाज रवि तेजा पर छींटाकशी की जिसके बाद उनके कप्तान रहाणे ने उन्हें मैदान से बाहर जाने के लिए कहा।

जायसवाल बल्लेबाज के करीब क्षेत्ररक्षण कर रहे थे और लगातार छींटाकशी करने के कारण रवि तेजा ने उनकी शिकायत भी की। जायसवाल को चेतावनी दी गई थी लेकिन पारी के 57वें ओवर में जब मैदानी अंपायर ने उनकी शिकायत की तो रहाणे ने उनसे बात की और उन्हें मैदान से बाहर जाने को कहा। इसके बाद पश्चिम क्षेत्र ने 10 खिलाड़ियों के साथ ही क्षेत्ररक्षण किया। जायसवाल सात ओवर तक मैदान से बाहर रहे और उसके बाद ही क्षेत्ररक्षण करने के लिए लौटे। पश्चिम क्षेत्र ने यह मैच 294 रन से जीता और जायसवाल को मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। रहाणे को हमेशा मैदान पर अपनी अनुशासनप्रियता के लिए जाना जाता है। ऑस्ट्रेलिया में जब वह विराट कोहली की अनुपस्थिति में भारतीय टीम की अगुवाई कर रहे थे तो तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज को नस्लीय टिप्पणियों का सामना करना पड़ा था। रहाणे ने मैदान में उलझने के बजाय मैच रेफरी से इसकी शिकायत की थी। जायसवाल से जुड़ी घटना के बारे में रहाणे ने मैच के बाद कहा,‘‘मैं हमेशा अपने विरोधी, अंपायर और मैच अधिकारियों का सम्मान करने में विश्वास करता हूं।

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