हिस्ट्रीशीटर पर एक ही कोतवाली में संगीन धाराओें में 20 मुकदमे, पुलिस प्रशासन मौन
जन एक्सप्रेस, हेमनारायण द्विवेदी
लखनऊ: भले ही योगी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। अपराधियों को चुन-चुन कर जाहन्नुम भेजा जा रहा है। लेकिन कहीं न कहीं पुलिस की शह पर आज भी कई अपराधी बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। उन्हीं में से एक है हिस्ट्रीशीटर आनंद सिंह रंजन और उसका परिवार, जिन पर कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज होने के बावजूद पुलिस कार्रवाई करने से बच रही है।
जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं हिस्ट्रीशीटर
कोतवाली कादीपुर में हिस्ट्रीसीटर आनंद और उसके दोनों भाई और पिता के खिलाफ शिकायत करने के बाद भी सुल्तानपुर पुलिस कार्रवाई करने से बचती रही है। ग्राम सभा निवासी अवधेश पांडेय ने कोतवाली में शिकायत कर बताया कि हिस्ट्रीशीटर आनंद सिंह रंजन और उसके परिवार के सदस्य जबरन उनकी जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। आरोप है कि शिकायत के बावजूद पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया है।
सुल्तानपुर पुलिस बड़ी घटना का कर रही इंतजार
ग्राम सभा की ही एक महिला सोनी ने भी एप्लीकेशन देकर हिस्ट्रीशीटरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। ऐसा एक बार नहीं कई बार कराया गया। पूर्व में भी सोनी ने आरोपितों पर केस दर्ज कराया था, लेकिन पुलिस ने फिर भी आरोपितों पर कार्रवाई करना मुनासिब नहीं समझा। पुलिस के इस रैवये से तो लगता है जैसे पुलिस किसी बड़ी वारदात का इंतजार कर रही है।
हत्या अपहरण व रंगदारी समेत दो दर्जन से अधिक केस
कादीपुर कोतवाली में हिस्ट्रीशीटर आनंद सिंह रंजन और उसके परिवार के अन्य सदस्यों पर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। हत्या, हत्या प्रयास, गुंडा एक्ट समेत कई संगीन धाराओं में हिस्ट्रीशीटर के परिवार के ऊपर मुकदमे दर्ज हैं। कोतवाली में आनंद के ऊपर 12 मुकदमे, भाई धीरेंद्र सिंह पर छह और दूसरे भाई विजय विक्रम सिंह पर चार और आनंद के पिता उदयभान सिंह पर भी चार केस दर्ज हैं। एक ही परिवार के सदस्यों पर इतने केस होने के बावजूद पुलिस कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रही। या कह सकते हैं कि पुलिस कार्रवाई करना नहीं चाहती है।
अपराधियों पर इतनी मेहरबानी क्यों
लोगों का आरोप है पुलिस का डंडा केवल कमजोर और असहाय लोगों के लिए ही चलता है। अपराधिक रिकॉर्ड और दबंग होने के बावजूद हिस्ट्रीशीटर आनंद सिंह रंजन और उसके परिवार के सदस्यों पर पुलिस कार्रवाई नहीं करती है। आखिर अपराधियों पर इतनी मेहरबानी क्यों बरत रही है योगी सरकार की पुलिस, यह जांच का विषय है।