गहलाेत ने की एफआईआर अनिवार्य पंजीकरण के राजस्थान मॉडल को देशभर में लागू करने की मांग
जयपुर । पूर्व मुख्यमंत्री अशाेक गहलाेत ने प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्रालय से एफआईआर के अनिवार्य पंजीकरण के राजस्थान मॉडल को देशभर में लागू करने के साथ राजस्थान की भाजपा सरकार से उनकी सरकार के समय लागू की गई अनिवार्य एफआईआर नीति काे यहां जारी रखने की अपील की है।
उन्हाेंने साेशल मीडिया एक्स पर पाेस्ट कर लिखा कि पुलिस की लापरवाही के उदाहरणों को देखकर ही राजस्थान में हमारी सरकार ने एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य किया था एवं ये व्यवस्था की थी कि यदि थाने में एफआईआर दर्ज नहीं की जाए तो एसपी ऑफिस में एफआईआर होगी और थानाधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। इसका परिणाम ये हुआ कि थाने में पीड़ितों की सुनवाई होना सुनिश्चित हुई एवं अपराधों की शिकायत दर्ज होना शुरू हुई। मीडिया एवं विपक्षी दलों ने दर्ज एफआईआर के आंकड़े बढ़ने को हमारी सरकार के खिलाफ प्रचारित किया जिसका हमें राजनीतिक नुकसान हुआ परन्तु मुझे आज भी संतोष है कि इस नीति से तमाम पीड़ितों को न्याय मिलना सुनिश्चित हुआ। उन्हाेंने लिखा कि मैंने केन्द्र सरकार के सामने पत्र लिखकर, बैठकों में मांग रखी कि पूरे देश में एफआईआर के अनिवार्य पंजीकरण की नीति लागू की जाए जिससे पीड़ितों को न्याय मिलना सुनिश्चित हो सके। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत सरकार ने हमारी इस मांग को नहीं माना और आज भी ऐसी स्थिति अलग-अलग राज्यों से सुनने में आती रहती है। भारतीय न्याय संहिता लागू करते समय भारत सरकार ने दावा किया था कि अब एफआईआर में देरी नहीं होगी परन्तु सच ऐसी घटनाओं के रूप में सबके सामने है।