
जन एक्सप्रेस/मुस्कान चौबे /लखनऊ : भारत की मेंस और विमेंस टीम ने खो-खो का पहला वर्ल्ड कप जीत लिया है। रविवार को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में दोनों कैटेगरी के फाइनल खेले गए। विमेंस टीम ने नेपाल को 78-40 के बड़े अंतर से हराया। वहीं मेंस टीम ने भी नेपाल को ही हराया, लेकिन अंतर 54-36 का रहा।खो-खो वर्ल्ड कप 13 से 19 जनवरी तक नई दिल्ली में खेला गया। भारत की दोनों टीमें टूर्नामेंट में अजेय रहीं। जबकि नेपाल की दोनों टीमों को भारत के खिलाफ ही हार का सामना करना पड़ा। चैंपियन बनने के बाद भारत की दोनों टीमों ने तिरंगे के साथ विक्ट्री लैंप लगाया।
खो खो में महिला और पुरुष टीम की शानदार शुरुआत
फाइनल मुकाबले में नेपाल की पुरुष टीम टॉस जितने में कामयाब रही थी और उसने डिफेंस करने का फैसला किया था। लकिन भारतीय टीम ने दमदार शुरुआत की। टर्न 1 में अटैक करते हुए भारतीय टीम ने कुल 26 पॉइंट हासिल किये। वही टर्न 2 में नेपाल ली टीम ने 18 पॉइंट अपने नाम किया किया। इसके बाद टर्न 3 में भारत ने 54 पॉइंट का आंकड़ा छुआ और 26 पॉइंट की बढ़त बना ली। आखिरी टर्न में नेपाल 8 पॉइंट न हासिल कर सकी जिसके चलते भारतीय टीम ने एक तरफ़ा अंदाज़ में बाजी मार ली।
वहीं महिलाओं की फाइनल पारी में नेपाल ने टॉस जीतकर भारत को पहले अटैक करने के लिए बुलाया। यह फैसला नेपाल के लिए भारी पड़ा, क्योंकि भारत ने शुरुआती मिनटों में ही तेज़ी से प्वाइंट्स बनाकर दबाव बना दिया। आखिरी टर्न में भी भारतीय डिफेंडर्स ने मजबूत प्रदर्शन किया और टीम ने आसानी से जीत दर्ज कर पहली महिला खो-खो वर्ल्ड कप चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया।
खो खो की यह जीत बनेगी युवाओं के लिए प्रेरणा
ये ऐतिहासिक जीत खो खो जैसे पारंपरिक खेल को नए मुकाम पर ले आई है| प्रधानमंत्री मोदी ने उम्मीद जताई कि इस सफलता से देश भर के युवा खो खो को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे| भारत की दोनों खो खो टीमों की जीत ने न केवल खेल जगत को गौरवांवित किया बल्कि देश भर के युवा खिलाड़ियों को भी प्रेरणा दी है|