
जन एक्सप्रेस, नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चर्चित नानकमत्ता गुरुद्वारा हत्याकांड में आरोपी बाबा अनूप सिंह उर्फ भाई अनूप सिंह को जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकल पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए यह भी स्पष्ट किया कि सिर्फ एक फोन कॉल या किसी पूर्व रंजिश के आधार पर किसी व्यक्ति को साजिश का दोषी नहीं ठहराया जा सकता।घटना 28 मार्च 2024 की है, जब मोटरसाइकिल सवार दो हमलावरों ने नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारे के लंगर हॉल में बैठे तरसेम सिंह पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। इस हमले में तरसेम सिंह की मौके पर ही मौत हो गई थी। घटना के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया था।इस हत्या के बाद बाबा अनूप सिंह समेत कई लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी। उनके खिलाफ IPC की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 34 (साझा इरादा), 120-बी (षड्यंत्र) और आर्म्स एक्ट की धारा 3/25 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
अदालत की टिप्पणी बनी चर्चा का विषय
सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा कि किसी व्यक्ति के खिलाफ केवल इस आधार पर कि उसने किसी आरोपी से फोन पर बात की या उसकी किसी से दुश्मनी थी, यह साजिश में शामिल होने का पुख्ता प्रमाण नहीं माना जा सकता।
यह टिप्पणी आने वाले समय में ऐसे मामलों में मापदंड के रूप में देखी जा सकती है। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद अब बाबा अनूप सिंह की रिहाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मामले की अगली सुनवाई में पुलिस को पुख्ता सबूतों के साथ अदालत में उपस्थित होना होगा।






