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बजट में केंद्र सरकार के बजट की नकल करने का प्रयास : सुरेश कश्यप

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शिमला । भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा शुक्रवार को पेश किया गया बजट जनता को गुमराह करने वाला बजट है। इस बजट में ना तो विजन है और ना ही डायरेक्शन।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से झूठी गारंटियों के सहारे कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई है। उसी प्रकार इस बजट में जनता को गुमराह करने का प्रयास किया गया है। पर इस बार जनता गुमराह नहीं होगी। अगर आप इस बजट को देखें तो बजट में उन्होंने खुद माना है कि 6200 करोड़ रुपये का गैप है। इसका मतलब आय कम और खर्चा ज्यादा।

भाजपा सांसद ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की अगर आय 100 रुपये है तो उसमें से देनदारियों को देने के बाद हिमाचल के पास केवल 29 रुपये ही बचते हैं। इसका मतलब हिमाचल प्रदेश में विकास कार्यों के लिए बहुत कम पैसा रह गया है।

उन्होंने कहा कि ग्रीन हिमाचल को लेकर सरकार के बजट में शोर ज्यादा था लेकिन धरातल पर यह बजट ठन ठन गोपाल वाला बजट रहा।

सुरेश कश्यप ने कहा कि कई महत्वपूर्ण योजनाओं के ऊपर सरकार चुप्पी साध के बैठी रही। जैसे घृणि सुविधा योजना, शगुन योजना, सहारा योजना, हिम केयर योजना और मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना इन महत्वपूर्ण योजनाओं जिससे जनता का उद्धार होता है। उसके बारे में इस बजट में कुछ भी नहीं कहा गया इसका मतलब इस बजट में इन योजनाओं के लिए प्रवर्धन नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि अपनी गारंटियों को पूरा करने के लिए उन्होंने हिमाचल की विकास की गति को रोक दिया पर। आज जब इन्होंने घोषणा करी कि हिमाचल प्रदेश में 231000 महिलाओं को ही केवल 1500 प्रति महा मिलेंगे तो उससे साफ दिखाई देता है कि कांग्रेस महिलाओं को भी गुमराह कर रही हैं।

कश्यप ने कहा कि इस हिमाचल के बजट में केंद्र सरकार के बजट की नकल करने का पूर्ण प्रयास किया गया है। केंद्र सरकार ने स्पष्ट कहा है कि भारत में 197 मेडिकल कॉलेज के साथ नर्सिंग कॉलेजे बनाए जाएंगे, पर इन नर्सिंग कॉलेज का श्रेय कांग्रेस की प्रदेश की सरकार लेना चाहती है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रीन एनर्जी और क्लाइमेट चेंज को लेकर बजट प्रावधान भी किया है और इसको लेकर नीति केंद्र सरकार की प्रमुख बिंदुओं में से एक है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने केंद्रीय बजट और जी-20 की बैठकों में ग्रीन एनर्जी और क्लाइमेट चेंज के बारे में अनेकों बार कहा है। इस ग्रीन एनर्जी घोषणा द्वारा हिमाचल ग्रीन स्टेट बनाने का श्रेय मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लेना चाहते हैं और अपने बजट में कहीं भी उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद नहीं किया।

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