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34% DA और HRA पर अड़े सरकारी कर्मचारी, काम छोड़कर धरने पर बैठे

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छत्तीसगढ़:    केंद्र सरकार के समान महंगाई भत्ता (DA) और गृह भाड़ा भत्ता (HRA) बढ़ाने की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। बुधवार को हड़ताल का तीसरा दिन है। आंदोलन की वजह से स्कूलों में पढ़ाई, न्यायालयीन कामकाज, राजस्व मामलों के निपटारे से लेकर सामान्य सरकारी कामकाज ठप हो गए हैं। लगभग 4 लाख कर्मचारियों के हड़ताल से आम जनता की परेशानी बढ़ गई है। ब्लॉक, जिला मुख्यालय और मंत्रालय तक हड़ताल से कामकाज ठप हो गया है। हड़ताल में अब 101 कर्मचारी-अधिकारी संगठन के शामिल होने की बात कही जा रही है। इधर आंदोलन को लेकर सरकार भी सख्ती के मूड में है। जिलों कलेक्टरों को वैकल्पिक व्यवस्था से कामकाज जारी रखने को कहा गया है।

कि राज्य सरकार ने 6% महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने का आदेश जारी किया गया है, लेकिन इस आदेश को लेकर कर्मचारी और अधिकारियों में भारी नाराजगी है। प्रदेश में कर्मचारी संगठनों का कहना है कि महंगाई भत्ता 12% बढ़ाए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया था। केंद्र सरकार के सामान महंगाई भत्ता की मांग की गई थी, लेकिन सरकार ने 6% महंगाई भत्ता बढ़ाया है, जिससे कर्मचारियों के हक पर डाका डाला जा रहा है। कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन 3 चरणों में आंदोलन कर चुका है। महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता को लेकर 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल की राह पर कर्मचारी निकल चुके हैं। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से एक बार फिर आम जनता की मुसीबत बढ़ गई है। कर्मचारी नेताओं ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से उनकी मांगों पर शीघ्र फैसला लेने की बात कही है। वहीं सीएम कह चुके हैं कि सौदेबाजी नहीं चलेगी।

केंद्र के सामान DA और HRA मांग रहे कर्मी
फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने बताया कि मांगों पर सहमति जताते हुए अफसरों ने सीएम भूपेश बघेल से अंतिम चर्चा कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन साजिशपूर्ण तरीके से कर्मचारियों के हड़ताल को तोड़ने चक्रव्यूह बनाकर 6% डीए कर्मचारियों को देने का प्लान बनाया। केंद्र के समान 34% मंहगाई भत्ता एवं सातवें वेतन में गृहभाड़ा भत्ता की घोषणा नहीं किए जाने के कारण फेडरेशन ने अनिश्चितकालीन आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया। शासन द्वारा 6% मंहगाई भत्ता का आदेश जारी किया गया है, जो कर्मचारियों की अपेक्षा के अनुरूप नहीं है। कर्मचारियों में भारी नाराजगी है।

कर्मियों को 1 अगस्त 2022 से 28% डीए मिलेगा
फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने 1 जुलाई 2019 के लंबित मंहगाई भत्ते की 5% किस्त को 1 जुलाई 2021 से स्वीकृत कर कुल 17% किया था, जिसमें देय तिथि 1 जुलाई 2019 से लेकर 30 जून 2021 तक के वेतन में अंतर की राशि का भुगतान नहीं किया था। सरकार ने फेडरेशन के आंदोलन के बाद 1 मई को डीए में 5% की वृद्धि की थी। कर्मचारियों को 1 जुलाई 2021 से 30 अप्रैल 2022 तक 17% डीए पर वेतन बना था, लेकिन सरकार ने वेतन में अंतर की राशि का भुगतान फिर नहीं किया। सरकार ने डीए में 6% की वृद्धि 1 अगस्त 2022 से कर 28% किया है, जबकि केंद्र में 28% डीए का देय तिथि 1 जुलाई 2021 है। राज्य सरकार ने अपनी छल करते हुए देय तिथि से डीए स्वीकृत नहीं किया है।वेतन काटने के आदेश की प्रतियां जला चुके कर्मी
बता दें कि राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में अपनी मांगों को लेकर कर्मचारी और अधिकारियों ने 25 जुलाई से 29 जुलाई तक 5 दिनों तक हड़ताल किया था। हड़ताल पर चले जाने से समस्त विभागों में कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया था। ऐसे में प्रदेश सरकार ने हड़ताल के पांचवें और अंतिम दिन हड़ताली कर्मियों का वेतन काटने और ब्रेक इन सर्विस का आदेश जारी कर दिया।

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