Manipur पर सदन में बयान देने से आख़िर क्यों भाग रहे हैं PM?
मणिपुर को लेकर संसद में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी रहने के बीच कांग्रेस ने सोमवार (24 जुलाई) को कहा कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग को स्वीकार करने से सरकार के ‘लगातार इनकार’ के कारण सदन तीसरे दिन भी नहीं चल पाया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि विपक्षी दल केवल मणिपुर और देश के लोगों की भावनाओं को प्रतिबिंबित कर रहे हैं। मणिपुर की स्थिति पर पीएम मोदी के बयान की मांग को लेकर विपक्ष ने संसद में विरोध प्रदर्शन किया, जिसके चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही आज दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
हेडलाइन मैनेजमेंट का आरोप
अपने ट्वीट में कांग्रेस नेता जयराम रमेश मे कहा कि सिर्फ हेडलाइन को मैनेज करने के लिए गृह मंत्री ने आज कहा कि मोदी सरकार संसद में मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि वह किसी पर कोई विशेष उपकार नहीं कर रहे हैं। यह INDIA की सभी पार्टियों की पूरी तरह से लोकतांत्रिक और वाजिब मांग है कि पहले मणिपुर की स्थिति पर प्रधानमंत्री सदन में बयान दें। उसके तुरंत बाद ही चर्चा होगी। इस पर गृह मंत्री पूरी तरह से चुप हैं। संसद के अंदर प्रधानमंत्री को पहले बयान देने में क्या झिझक है?
PM पर वार
एक और ट्वीट में उन्होंने कहा कि मॉनसून सत्र के तीसरे दिन भी संसद की कार्यवाही नहीं हो सकी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सरकार INDIA दलों की मणिपुर में 3 मई के बाद की स्थिति पर प्रधानमंत्री के विस्तृत बयान की मांग नहीं मान रही है। INDIA की स्पष्ट मांग है – पहले प्रधानमंत्री सदन में बयान दें, उसके बाद इसपर चर्चा हो। INDIA की सभी पार्टियां सिर्फ मणिपुर ही नहीं वास्तव में पूरे देश के लोगों की भावनाओं को सामने रख रही हैं। उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री सदन में बयान देने से आख़िर क्यों भाग रहे हैं?
अमित शाह ने क्या कहा
सोमवार को तीन बार के स्थगन के अपराह्न ढाई बजे कार्यवाही शुरू होने पर गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि सरकार मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और विपक्ष से आग्रह है कि वे चर्चा होने दें और सच्चाई सामने आने दें। उन्होंने कहा, ‘‘ सदस्यों से आग्रह है कि बहुत संवेदनशील मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष..दोनों ओर के सदस्यों ने चर्चा की मांग की है। मैं सदन में चर्चा के लिए तैयार हूं।’’ शाह ने कहा, ‘‘मुझे नहीं मालूम कि विपक्ष संसद में चर्चा क्यों नहीं होने दे रहा है।