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प्रधानमंत्री के समक्ष उठाने का वादा किया है: बुखारी

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श्रीनगर  ।जम्मू  उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल से वादा किया कि वह इस सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होने वाली मुलाकात के दौरान जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने का मुद्दा उठाएंगे। अपनी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में उप राज्यपाल से मुलाकात की और जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने और भर्ती परीक्षा रद्द होने जैसे मुद्दों को उठाया।

मुलाकात के बाद राजभवन के बाहर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए बुखारी ने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि उप राज्यपाल ने वादा किया कि वह इस मुद्दे (राज्य का दर्जा बहाल करने) को इसी सप्ताह प्रधानमंत्री और (केंद्रीय) गृहमंत्री के समक्ष उठाएंगे।उन्होंने (सिन्हा ने) कहा कि सरकार ने संसद में इसका वादा किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राज्य का दर्जा बहाल करना बुहत गंभीर मुद्दा है और यह हमारी पार्टी की प्राथमिकता है…अगर जनता हमारा समर्थन करती है तो अपनी पार्टी इस पहचान को वापस लाएगी, जो हमसे ले ली गई है।’’

बुखारी ने कहा कि सिन्हा ने प्रतिनिधिमंडल से वादा किया कि भर्ती परीक्षा दो महीने के भीतर होगी और यह परीक्षा उन अभ्यार्थियों के लिए पहले होगी, जिनकी चयन प्रक्रिया रद्द कर दी गई थी ताकि उन्हें और अन्याय का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने कहा कि उप राज्यपाल ने आश्वस्त किया कि यह पारदर्शी तरीके से होगी। बुखारी ने कहा कि उपराज्यपाल ने भरोसा दिया है कि युवाओं को एहतियाती तौर पर हिरासत में लेने के मुद्दे पर मामला दर मामला विचार किया जाएगा। अपनी पार्टी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘कुल मिलाकर उप राज्यपाल का रुख सकारात्मक था, उन्होंने हमसे कहा कि लोगों से जुड़े मुद्दों का समयबद्ध तरीके से समाधान किया जाएगा।’’

जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के सवाल पर बुखारी ने कहा कि यह सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है और उनकी पार्टी के प्रतिनिधि बैठक में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहता रहा हूं कि दिल्ली सोचता है चुनाव कराना जम्मू-कश्मीर पर एहसान है, लेकिन यह हमारा अधिकार है और हम लोकतांत्रिक देश में है। हमारी जमीनी स्तर की लोकतांत्रिक व्यवस्था गत चार साल से बहाल नहीं की गई है। इसलिए चुनाव कराया जाना चाहिए।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने बैठक के लिए विशेष दिन चुना क्योंकि कांग्रेस पार्टी मूल्यवृद्धि के खिलाफ अपनी रैली आयोजित कर रही थी और गुलाम नबी आजाद भी जम्मू में एक जनसभा कर रहे थे, बुखारी ने कहा कि पार्टी को बैठक की तारीख राज भवन से मिली थी। आजाद द्वारा एक राजनीतिक दल के गठन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमने पिछले महीने कुपवाड़ा से अपनी सार्वजनिक पहुंच शुरू की थी। कई नई पार्टियां आएंगी। आप यहां 15-20 नये दल देखेंगे। वे आते रहेंगे।’’

आजाद ने पिछले महीने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। बुखारी ने कहा, ‘‘यह उनकी (आजाद की) पार्टी है, और उन्हें यह तय करना है कि वह इसके साथ क्या करते हैं। हमें अभी तक यह भी नहीं पता है कि कोई पार्टी है या नहीं।’’ पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल को एक ज्ञापन भी सौंपा और उम्मीद जताई कि सरकार आम जनता के हित में और जम्मू-कश्मीर में समग्र अनुकूल माहौल के लिए इन मुद्दों को हल करने के लिए कदम उठाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम विधानसभा चुनाव से पहले राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग करते हैं। राज्य की बहाली की मांग करना जम्मू-कश्मीर के लोगों में विश्वास की भावना को जगाने के लिए जरूरी है।”

ज्ञापन में कहा गया है, अपनी पार्टी दोहराती है कि यह लोगों का विश्वास जीतने और जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल करके जम्मू-कश्मीर के युवाओं के बीच अलगाव की भावना को दूर करने का एक उपयुक्त समय है। अगस्त 2019 में, केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। हिरासत में लिए गए युवकों की रिहाई पर पार्टी के ज्ञापन में कहा गया है कि स्वतंत्रता दिवस, अमरनाथ यात्रा के सुचारू संचालन और समग्र पर्यटन मौसम के लिए कई जिलों में युवाओं को एहतियातन हिरासत में लिया गया है।

पार्टी ने कहा, ‘‘ऐसे युवाओं को एहतियाती हिरासत में रखे हुए काफी समय हो गया है। इन युवाओं के माता-पिता और संबंधित स्थानीय समुदायों की उनकी रिहाई की मांग जायज है।’’ पार्टी ने कहा, ‘‘हम दृढ़ता से मानते हैं कि जम्मू-कश्मीर के युवाओं को मुख्यधारा में शामिल करना और उन्हें एक विश्वसनीय और व्यवहार्य मंच प्रदान करना उन्हें राष्ट्र निर्माण में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने की अनुमति देगा। इसलिए, यह जरूरी है कि हिरासत में बंद ऐसे युवाओं को बिना और देरी किये रिहा किया जाए।’’ इस बीच, एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने मांगों का एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें राज्य का दर्जा बहाल करना, युवाओं के लिए त्वरित भर्ती प्रक्रिया शामिल है।

उपराज्यपाल ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में एक विस्तृत बयान दिया था कि उचित समय पर राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। उपराज्यपाल ने कहा कि पुलिस सब-इंस्पेक्टर, जूनियर इंजीनियर और वित्त लेखा सहायक की भर्ती परीक्षा अनियमितताओं के कारण रद्द कर दी गई और सीबीआई जांच के आदेश दिए गए।

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