उत्तराखंड

परियोजनाओं के निर्माण से जल, जंगल जमीन का संरक्षण किया जा सकता है

गोपेश्वर । एक्सन एंड एसोसिएशन इंडिया लखनऊ और जनदेश संस्था के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर के नगर पालिका सभागार में विश्व जल दिवस पर एक विचार गोष्ठी हुई। मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी डा. ललित नारायण मिश्र ने कहा कि कलस्टर आधारित परियोजनाओं के निमार्ण से जल, जंगल, जमीन का संरक्षण हो सकता है। सीडीओ ने कहा कि चिपको आन्दोलन ने लोगो को पर्यावरण संरक्षण के प्रति सचेत किया। उन्होंने ने कहा कि जंगल जानवरों से बचने के लिए कृषि विभाग योजना बना रहा है, किन्तु साधन सीमित मात्रा में होने के कारण सभी गांव में काम नही हो पा रहा है। उन्होंने ने कहा कि जल संरक्षण के लिए नई तकनीकी का इस्तेमाल करना होगा। उर्गम की प्रधान मिंकल देवी ने कहा कि जंगली जानवर उनके क्षेत्र में काश्तकारों की लाखों रुपये की उपज को बर्बाद कर देते हैं। इसको बचाने की आवश्यकता है। वन पंचायत सरपंच पल्ला उमा देवी ने कहा कि हमारे यहां लाखों रुपये के आलू की पैदावार होती है, लेकिन जंगली सुअर उन्हें बर्बाद कर देते है ऐसे में काश्तकार करे तो क्या करे। विचार गोष्ठी में गांवों से आये प्रधानों और वन पंचायत सरपंचों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं से भी मुख्य विकास अधिकारी को रूबरू करवाया। जोशीमठ, ढाक तपोवन के प्रतिनिधियों ने भूधंसाव के चलते मकानों पर पड़ रही दरारों पर चिंता व्यक्त की।

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