कांग्रेस ने आदिवासी संस्कृति का अपमान किया
गुजरात । गुजरात के आदिवासी बहुल तापी जिले के व्यारा में विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि पिछली कांग्रेस सरकारों ने आदिवासी लोगों की स्थिति में सुधार के लिए कभी कदम नहीं उठाए क्योंकि वह सिर्फ चुनाव जीतने पर ध्यान देती थी। मोदी ने कहा कि आदिवासियों को बिजली और गैस कनेक्शन के साथ पक्के घर, सड़क संपर्क, समुदाय के बच्चों के लिए स्कूल, अन्य चीजों के अलावा उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री बुधवार से अपने गृह राज्य गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर हैं, जहां दिसंबर के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। उन्होंने कहा कि देश में वर्तमान में आदिवासी बेटी द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति हैं और मध्य प्रदेश के राज्यपाल के रूप में आदिवासी पुत्र मंगूभाई पटेल हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आपने पहले की सरकारें देखी हैं। विभिन्न राज्यों में भाजपा के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकारों के साथ अतीत की कांग्रेस सरकारों की तुलना करें। कांग्रेस नीत सरकारों ने कभी आपके भविष्य के बारे में नहीं सोचा और वे सिर्फ चुनाव जीतने के लिए काम करते थे। चुनाव से पहले वे झूठे वादे करते थे, लेकिन चुनाव के बाद भूल जाते थे।’’ मोदी ने कहा कि दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार ने देश के आदिवासी समुदाय के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने आदिवासी लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं आपको बताना चाहूंगा कि आपके पूर्वजों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन हमारे काम के कारण अब आपको कम मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अब हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आपके बच्चों को भविष्य में ऐसी कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कांग्रेस आदिवासी रीति-रिवाजों और परंपराओं का मजाक भी उड़ाती थी। अगर किसी समारोह में मैं आदिवासी पगड़ी या जैकेट पहनता था, तो वे मेरा मजाक उड़ाते थे। मैं कांग्रेस को बताना चाहता हूं कि आदिवासी लोग अपने रीति-रिवाजों और परंपराओं का अपमान कभी नहीं भूलेंगे और वे आपको सबक सिखाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा जहां भी सत्ता में है, उसके नेतृत्व वाली सरकारों ने आदिवासी कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे आदिवासी भाइयों और बहनों के पास बिजली, गैस कनेक्शन, शौचालय, घर की ओर जाने वाली सड़क, पास में एक चिकित्सा केंद्र, आय के साधन और बच्चों के लिए एक स्कूल के साथ अपना पक्का घर होना चाहिए।प्रधानमंत्री ने कहा कि जब 20-25 साल पहले इन युवाओं का जन्म हुआ था, तो उमरगाम से लेकर अंबाजी तक पूरे आदिवासी इलाके में बहुत कम स्कूल थे और विज्ञान की पढ़ाई के लिए मुश्किल से ही समुचित सुविधाएं थीं। उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात में कल उद्घाटन किए गए ‘मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस’ के तहत आदिवासी तालुकों के लगभग 4,000 स्कूलों का आधुनिकीकरण किया जाएगा। आदिवासी समाज को कुपोषण की समस्या से पूरी तरह मुक्त करना हमारा संकल्प है। इसीलिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा ‘पोषण अभियान’ शुरू किया है जिसके माध्यम से गर्भावस्था के दौरान माताओं को पौष्टिक भोजन देने में मदद करने के लिए हजारों रुपये दिए जा रहे हैं।’’ मोदी ने कहा कि पिछले 7-8 वर्षों में आदिवासियों के कल्याण के लिए बजटीय आवंटन तीन गुना से अधिक बढ़ा है। प्रधानमंत्री ने व्यारा में 1,970 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास पहल की आधारशिला रखी।