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आध्यात्मिक शक्ति से ही न्यायपूर्ण समाज की होगी स्थापना

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सिराेही । आबूरोड ब्रह्माकुमारी संस्थान में आध्यात्मिक शक्ति से न्यायपूर्ण समाज विषय को लेकर चार दिवसीय शिविर आयोजित किया गया जिसका समापन रविवार को हुआ। कार्यक्रम में देशभर से आए न्यायविदों ने कहा को देश में आध्यात्मिक शक्ति से न्याय सही हो सकता है।

जस्टिस विंग के वाइस चेयरपर्सन मिस्टर जस्टिस बीडी राठी ने कहा कि आपने देखा होगा तीन दिनों में कितना लाभ मिला होगा आपको कितने रहस्यमय बातें आपके सामने कितने अच्छे से हमारी बहनों ने क्लियर करी होगी और वह अमृत पान आपने पिया मैं समझता हूं जीवन का सर्वश्रेष्ठ पान है। सिर्फ और सिर्फ अब आगे चिंतन का ही कमाल रहेगा। आप उस पर फोकस करे। श्रीमद्भगवत गीता की एक विशेषता है कि गृहस्थ में रहकर ही हमको सब कुछ सिखाती है हमें सन्यास नहीं लेना, हमें वैराग्य नहीं लेना, हमें कर्मों से भागना नहीं है। सम्पूर्णनांद तिवारी ने कहा कि यहा तीन दिन से यह कार्यक्रम चल रहा है और मैं तो पहली बार यहां आया हूं और बहुत दिनों से मैं जुड़ा हुआ भी नहीं हूं लेकिन पता नहीं क्या था यहां का आकर्षन की मुझे खींच लाया और खीच लाया तो मैं अपने आप परम सौभाग्यशाली मानता हूं। इतना सोभाग्य मेरा है कि मैं तीन दिन से यहां जो ज्ञान की सरोवर सरिता बह रही है उससे अपने को अभिभूत पा रहा हूं। यहां का वातावरण देखिए शुद्ध वातावरण सब सेल्फ डिसिप्लिन हर चीज में शुद्धता प्योरिटी। हम इसी तरह के समाज की कल्पना करते हैं। अगर इसी तरह के समाज हो जाए बाहर में जैसा हमारा यहां पर सारी व्यवस्था है सेवा भाव है संकल्प है इसी तरह की व्यवस्थ हमारे समाज में हो जाए तो हमको कानून की जरूरत क्या है।

इस सम्मेलन में संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके संतोष दीदी, अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन, प्रभाग की अध्यक्षा बीके पुष्पा दीदी, ओड़िषा ह्यूमन राइट्स कमीशन के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एस. पूजाहारी, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीष न्यायमूर्ति ए.एन. जिंदल, राष्ट्रीय संयोजिका बीके डॉ. रश्मि ओझा, बीके लता, बीके नाथमल, मुख्यालय संयाजिका बीके श्रद्धा समेत कई लोगों ने सम्बोधित किया।

 

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