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प्रदेश के ग्वार गम व्यवसाय बचाने के लिए मुख्यमंत्री से अपील

जोधपुर। राजस्थान ग्वार दाल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से कृषिमंडी टैक्स के कारण बर्बाद हो रहे गवार गम व्यापार और उद्योग को बचाने की गुहार करते हुए इस बार बजट में राहत देने की मांग की।

पड़ोसी राज्यों में मण्डी टैक्स 2.60 प्रतिशत होने के कारण राजस्थान से किसान और व्यापारी पलायन करने लगे हैं यदि इस पलायन को नहीं रोका गया तो धीरे-धीरे राजस्थान से ग्वार गम व्यवसाय का नामो निशान मिट जाएगा।

राजस्थान ग्वार दाल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक एस तातेड और सचिव श्रेयांश मेहता ने सवांददाताओं से बातचीत करते हुए बताया कि किसानों और व्यापारियों के साथ-साथ पशुपालक भी बहुत अधिक परेशान है क्योंकि उन्हें पशु आहार भी पंजाब और हरियाणा से महंगे दामों में लाना पड़ रहा है जबकि जोधपुर में ग्वार गम की अच्छी इंडस्ट्री है मगर धीरे-धीरे फैक्ट्रियां बंद हो रही है, मिले बंद होने से यह व्यापार पूरी तरह से चौपट हो रहा है।

उन्होंने बताया कि वर्तमान हालात के चलते राजस्थान का किसान पलायन करके अपना माल पड़ोसी राज्यों में बेचने लगे हैं फैक्ट्रियां बंद होने लगी है ऐसे में गवार गम व्यापारियों ने मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से 10 जुलाई को पेश किए जाने वाले बजट में गवार गम उद्योग पर लगाए गए मण्डी टैक्स समाप्त करने की मांग है।

एसोसिएशन के सचिव श्रेयांश मेहता ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर ग्वार गम व्यापारियों ने अवगत कराया है कि राजस्थान के पड़ोसी राज्यों-हरियाणा, दिल्ली, पंजाब व गुजरात में कृषि आधारित एवं खाद्य प्रसंस्करण आधारित उद्योगों को कृषि मण्डी टैक्स में छूट प्रदत्त है।

उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि राज्य में ग्वार गम उद्योग को मण्डी टेक्स में शत-प्रतिशत की छूट प्रदान की जानी चाहिए जिससे राज्य के ग्वार गम आधारित उत्पाद अन्य राज्यों के ग्वार गम व ग्वार गम आधारित उद्योगों से प्रतिस्पर्धा कर सकेगे व प्रदेश में ग्वार गम व ग्वार गम आधारित उद्योगों में त्वरित वृद्धि होगी व नये निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा व ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।

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