मोदी सरकार का विदेश मंत्री होना एक बड़ी ताकत
गांधीनगर । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि वे दिन चले गए हैं जब वोट बैंक की राजनीति विदेश नीति पर हावी होती थी। गुजरात में एक कार्यक्रम में भारत-इजरायल संबंध पर बोलते हुए विदेश मंत्री कहा कि तेल अवीव के साथ नई दिल्ली के वर्तमान संबंध इस बात का सबूत हैं कि वे दिन चले गए हैं जब वोट बैंक की राजनीति विदेश नीति पर हावी होती थी।
भारत-इजरायल के संबंध हुए मजबूत
जयशंकर ने रविवार को कहा कि कुछ राजनीतिक कारणों से हमें इजराइल के साथ संबंध बढ़ाने से खुद को प्रतिबंधित करना पड़ा था। पीएम मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री थे जो इजराइल गए थे। अब वे समय चला गया है जब हम वोट बैंक की राजनीति के लिए राष्ट्रीय हित को अलग रखते थे। जयशंकर अपनी पुस्तक ‘द इंडिया वे: स्ट्रैटेजीज फॉर एन अनसर्टेन वर्ल्ड’ के गुजराती अनुवाद का विमोचन करते हुए भारत की विदेश नीति पर बोल रहे थे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है, जहां इजरायल के पास भारत के जल प्रबंधन क्षेत्र में प्रगति के लिए इजरायल की सर्वोत्तम प्रथाओं और प्रौद्योगिकियों को साझा करने में मदद करने के लिए जल अताशे की स्थिति है। विदेश मंत्री ने मोदी सरकार की सराहना करते हुए कहा कि मैं उस व्यक्ति से ईर्ष्या करूंगा, जो 2047 में विदेश मंत्री होगा। लेकिन मैं आपको एक बात बताऊं, नरेन्द्र मोदी सरकार का विदेश मंत्री होना भी एक बड़ी ताकत है। यहां भी मूल विश्वास, आत्मविश्वास और नजरिया है और दुनिया इसे पहचान रही है।
पीएम मोदी के नेतृत्व में बदली विदेश नीति- जयशंकर
विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन में भारत की स्वतंत्र विदेश नीति बदल गई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, सामाजिक जागरूकता और समृद्धि के कारण भारत की जनसंख्या में गिरावट आ रही है। इसका कारण शिक्षा, सामाजिक जागरूकता और समृद्धि है। हम में से प्रत्येक के बीच परिवार का आकार समय बीतने के साथ छोटा है। उन्होंने कहा कि अपनी आजादी के बाद से भारत ने अपनी जनसांख्यिकीय संरचना में भारी बदलाव देखा है।
‘जबरन जनसंख्या नियंत्रण के खतरनाक हो सकते हैं परिणाम’
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि विभिन्न मृत्यु दर संकेतकों में सुधार हुआ है, लेकिन जीवन स्तर में सुधार, कौशल और प्रशिक्षण प्रदान करने और रोजगार पैदा करने के मामले में जनसांख्यिकीय लाभांश प्राप्त करने में कुछ बाधाएं भी मौजूद हैं। यूएन वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स (डब्ल्यूपीपी), 2022 का अनुमान है कि भारत 2023 तक 140 करोड़ की आबादी के साथ चीन को पीछे छोड़ते हुए सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा। वर्तमान में भारत में विश्व की जनसंख्या का 17.5 प्रतिशत है।