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महेन्द्रगढ़ में भाजपा के समर्थन में दलितों ने भरी हुंकार

चंडीगढ़ । हरियाणा के अंतिम छोर महेंद्रगढ़ में दलितों ने हुंकार भरते हुए कांग्रेस से उनके 10 साल में हुए अत्याचारों का हिसाब मांगा है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में हुए अत्याचारों का दलित समाज ने वोट की चोट से बदला लेने का फैसला लिया।

दलित सम्मेलनों के जरिए हरियाणा मुख्यमंत्री के चीफ मीडिया कोआर्डिनेटर सुदेश कटारिया दलितों में जागरुकता की अलख जगाने की कवायद में जुटे हैं। इसी

कड़ी में रविवार को महेंद्रगढ़ में आयोजित 8वें दलित सम्मेलन में दलित समाज ने वोट की चोट के जरिये कांग्रेस से संविधान अपमान करने का बदला लेने का संकल्प लिया। दलित सम्मेलन की अध्यक्षता जिला परिषद चेयरमैन डॉ. राकेश ने की, जबकि विशिष्ट अतिथि के तौर पर सेवानिवृत खंड शिक्षा अधिकारी मान सिंह मौजूद रहे। सम्मेलन में पहुंचने पर सुदेश कटारिया का दलित सभाओं के पदाधिकारियो ने पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत और पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया।

दलित सम्मेलन को संबोधित करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री के चीफ मीडिया को-आर्डिनेटर सुदेश कटारिया ने कहा कि अब दलितों को वोट बैंक की राजनीति का शिकार नहीं होना है बल्कि अपने हकों की लड़ाई मजबूती से लड़नी है। कटारिया ने कांग्रेस के चलाए जा रहे हरियाणा मांगे हिसाब अभियान पर पलटवार करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के 10 साल के कार्यकाल में दलितों पर हुए अत्याचार का भी हिसाब देना चाहिए। मिर्चपुर कांड से लेकर मदीना और गोहाना कांड ने न केवल हरियाणा को शर्मसार किया, बल्कि कांग्रेस ने दलितों के प्रति सोच का स्पष्ट प्रमाण भी दिया। कांग्रेस राज में प्लाट आवंटन से लेकर नौकरियों में हेराफेरी सबसे अहम रही। कांग्रेस का इतिहास दलितों के अत्याचारों से सन्ना हुआ है। इसके साथ ही दलितों को पदोन्नति में आरक्षण की मांग को भी नजरअंदाज किया।

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