देश

राज्यपाल बागडे ने पाकिस्तान से सटी बीएसएफ की सांचू पोस्ट का निरीक्षण किया

Listen to this article

जयपुर । राज्यपाल हरिभाऊ बागडे बुधवार को जयपुर से हेलीकॉप्टर से पाकिस्तान से सटी राजस्थान की पश्चिमी सीमा पर स्थित सीमा सुरक्षा बल की सांचू पोस्ट पहुंचे। उन्होंने सीमा क्षेत्र का गहन निरीक्षण करते हुए बॉर्डर एरिया की चुनौतियों के बारे में भी जानकारी ली। बीकानेर जिले के इस सीमा क्षेत्र का दौरा करते हुए उन्होंने वहां तैनात बीएसएफ के जवानों से संवाद करते हुए विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों में भी निरंतर मुस्तैद रहकर देश की रक्षा करने की उनकी प्रतिबद्धता और समर्पण की विशेष रूप से सराहना की।

राज्यपाल बागडे को सांचू बॉर्डर पहुंचने पर भारत-पाक के मध्य 1965 और 1971 के दौरान यहां हुई लड़ाइयों के बारे जानकारी दी गयी। राज्यपाल ने भारतीय सेना के युद्ध के इतिहास और सैनिकों के पराक्रम की दृष्टि से साचूं को महत्वपूर्ण बताते हुए भारतीय सेना के जवानों के शौर्य और पराक्रम को नमन किया। उन्होने बाद में वहां निर्मित वार म्यूजियम भी देखा।

राज्यपाल बागडे ने सीमा क्षेत्र पर बीएसएफ के जवानों से संवाद करते हुए कहा कि सैनिक शब्द ही मन में जोश जगाने वाला है। उन्होंने कहा कि सैनिक हमारे देश के सुरक्षा प्रहरी ही नहीं हैं बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा, अखंडता व एकता के भी प्रतीक हैं।

उन्होंने सीमा सुरक्षा बल के जवानों से बॉर्डर एरिया से संबंधित मुद्दों पर भी अलग से चर्चा की। उन्होंने कहा सीमा पार से अवैध सामानों की तस्करी, नशीले पदार्थों के उपयोग आदि के बारे में भी जानकारी ली और इन्हें रोकने के लिए भी निरंतर प्रभावी प्रयास किए जाने पर जोर दिया।

राज्यपाल बागडे ने सीमा चौकी पर “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत पौधारोपण भी किया।

बाद में उन्होंने वहीं बॉर्डर पर आंतरिक सुरक्षा समन्वय बैठक भी ली। उन्होंने इस दौरान कहा कि देश की सीमाओं पर चौकसी जितनी जरूरी है, उतना ही आवश्यक यह है कि हमारे यहां आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था प्रभावी रहे। उन्होंने सीमाओं पर चौकसी करते हुए रक्षा करने के साथ आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था का मजबूत तंत्र विकसित करने के निरंतर प्रयास किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने सीमा पर रहने वाले परिवारों से बातचीत कर उनके सहयोग के प्रयास भी किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने सीमा पर रहने वाले परिवारों की सराहना की तथा कहा कि सीमाओं पर देश की सुरक्षा की दृष्टि से उनकी भी महती भूमिका है। उन्होंने सीमावर्ती जिलों में विकास के लिए परस्पर सहयोग बनाए रखने, सीमावर्ती क्षेत्रों में अधिकारियों की संयुक्त स्तर पर नियमित बैठकें किए जाने और आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर निरंतर संवाद रखने की आवश्यकता जताई ताकि भविष्य की किसी भी अप्रिय स्थितियों से निपटा जा सके। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में आपराधिक गतिविधियों के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए भी प्रभावी रणनीति बनाकर कार्य किए जाने पर जोर दिया।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button