
जन एक्सप्रेस /अवनीश पाण्डेय /जौनपुर : पूर्वांचल विश्वविद्यालय में कबाड़ का निस्तारण पिछले दस वर्षों से लंबित है। अनुपयोगी सामान से कई भवनों और शैक्षणिक संकायों के कमरे बंद पड़े हैं, जिससे शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है।
खुले में पड़ा कबाड़ शरारती तत्वों द्वारा चोरी किए जाने के मामलों को भी बढ़ावा दे रहा है, जिससे विश्वविद्यालय को आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है। शैक्षणिक संकायों के कई कमरे कबाड़ से भरे हुए हैं, जिसके चलते उनका उपयोग छात्रों और कर्मचारियों के लिए नहीं हो पा रहा है।
विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए यह समस्या गंभीर बनी हुई है, क्योंकि इन कमरों को महत्वपूर्ण गतिविधियों और शैक्षणिक कार्यों के लिए खाली कराना अनिवार्य है। निस्तारण में हो रही देरी ने इन्हें पूरी तरह से अनुपयोगी बना दिया है।
इस मुद्दे को लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन पर समय रहते कार्रवाई करने का दबाव है, ताकि परिसर को साफ-सुथरा और व्यवस्थित बनाया जा सके।